*प्रशासक समिति✊🚩* *🚩जय सत्य सनातन🚩* *⛅दिनांक - 05 जुलाई 2022* *⛅दिन - मंगलवार* *⛅विक्रम संवत - 2079* *⛅शक संवत - 1944* *⛅अयन - दक्षिणायन* *⛅ऋतु - वर्षा* *⛅मास - आषाढ़* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - षष्टी शाम 07:28 तक तत्पश्चात सप्तमी* *⛅नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह 10:30 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी* *⛅योग - व्यतिपात दोपहर 12:16 तक तत्पश्चात वरीयान* *⛅राहु काल - शाम 04:07 से 05:48 तक* *⛅सूर्योदय - 05:59* *⛅सूर्यास्त - 07:29* *⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में* *⛅ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04:35 से 05:17 तक* *⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण -* *⛅ विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🌹पाचन की तकलीफों में परम हितकारी: अदरक🌹* *🌹आजकल लोग बीमारियों के शिकार अधिक क्यों हैं ? अधिकांश लोग खाना न पचना, भूख न लगना, पेट में वायु बनना, कब्ज आदि पाचन संबंधी तकलीफों से ग्रस्त हैं और इसीसे अधिकांश अन्य रोग उत्पन्न होते हैं । पेट की अनेक तकलीफों में रामबाण एवं प्रकृति का वरदान है अदरक । स्वस्थ लोगों के लिए यह स्वास्थ्यरक्षक है । बारिश के दिनों में यह स्वास्थ्य का प्रहरी है ।* *🌹सरल है आँतों की सफाई व पाचनतंत्र की मजबूती* *🌹शरीर में जब कच्चा रस (आम) बढ़ता है या लम्बे समय तक रहता है, तब अनेक रोग उत्पन्न होते हैं । अदरक का रस आमाशय के छिद्रों में जमे कच्चे रस एवं कफ को तथा बड़ी आँतों में जमे आँव को पिघलाकर बाहर निकाल देता है तथा छिद्रों को स्वच्छ कर देता है । इससे जठराग्नि प्रदीप्त होती है और पाचन-तंत्र स्वस्थ बनता है । यह लार एवं आमाशय का रस दोनों की उत्पत्ति बढ़ता है, जिससे भोजन का पाचन बढ़िया होता है एवं अरुचि दूर होती है ।* *🔹स्वास्थ्य व भूख वर्धक, वायुनाशक प्रयोग* *🌹रोज भोजन से पहले अदरक को बारीक टुकड़े-टुकड़े करके सेंधा नमक के साथ लेने से पाचक रस बढ़कर अरुचि मिटती है । भूख खुलती है, वायु नहीं बनती व स्वास्थ्य अच्छा रहता है ।* *🔹रुचिकर, भूखवर्धक, उदररोगनाशक प्रयोग🔹* *🌹१०० ग्राम अदरक की चटनी बनायें एवं १०० ग्राम घी में उसे सेंक लें । लाल होने पर उसमें २०० ग्राम गुड़ डालें व हलवे की तरह गाढ़ा बना लें । (घी न हो तो २०० ग्राम अदरक को कद्दूकश करके २
कामेंट्स
ramesh Shivani9827127390 Jul 5, 2022
JAI SHRI KRISHNA JI SUPRABHAT VANDAN JI 🙏🙏🙏