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🌹🌹🙏🙏MaTere Angan Mein 🌹🌹🙏🙏🚩🚩🌹🙏🙏🚩Jay Mata Di🚩🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏🚩🚩🌹🌹 Shubh Shukrawar 🌹🌹🙏🙏🚩🚩🌹🌹🙏suprabhat Vandan🌹🌹🙏🙏
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🌺🌺🌺 Jai mata di 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 happy Friday 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🥀🥀 good morning ji 🌺💞💞
🙏🌹जय माता दी🌹 🙏 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🙏🌹🙏जय संतोषी माँ 🙏🌹🙏 🌹🌲🌹🌲🌹🌲🌹🌲🌹🌲🌹
Jai Mata ke
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हिंगलाज मंदिर (नानी मन्दिर) 〰️〰️🌼〰🌼〰🌼〰〰 पाकिस्तान के लसबेला से अरब सागर से छूकर निकलता 150 किमी तक फैला रेगिस्तान। बगल में 1000 फीट ऊँचे रेतीले पहाड़ों से गुजरती नदी। बाईं ओर दुनिया का सबसे विशाल मड ज्वालामुखी। जंगलों के बीच दूर तक परसा सन्नाटा और इस सन्नाटे के बीच से आती आवाज 'जय माता दी'। इन्हीं रास्तों में है धरती पर देवी माता का पहला स्थान माने जानेवाले पाकिस्तान स्थित एकमात्र शक्तिपीठ *'हिंगलाज मंदिर'*। अमरनाथ जी से ज्यादा कठिन है हिंगलाज की यात्रा... 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 करीब 2 लाख साल पुराने इस मंदिर में पिछले जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस मंदिर में नवरात्रि में गरबा से लेकर कन्या भोज तक सब होता है। देवी के *51 शक्तिपीठों* में से एक हिंगलाज मंदिर में नवरात्रि का जश्न करीब-करीब भारत जैसा ही होता है। कई बार इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि ये मंदिर पाक में है या भारत में। - हिंगलाज मंदिर जिस स्थान में है वो पाकिस्तान के सबसे बड़े हिंदू बाहुल्य इलाकों में से एक है। पूरे नवरात्रि यहां 3 किमी में मेला लगता है। दर्शन के लिए आनेवाली महिलाएं गरबा नृत्य करती हैं। पूजा-हवन होता है। कन्या खिलाई जाती हैं। माँ के भजनों की गूँज दूर-दूर सुनाई देती है। - कुल मिलाकर हर वो आस्था देखने को मिलती है जो भारत में नवरात्रि पूजा के दौरान होती है। नवरात्रि में हो जाती है साल भर के खर्चे के बराबर कमाई। - हिंगलाज मंदिर आनेवाले भक्तों की संख्या का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि नवरात्रि के 9 दिनों में यहाँ के लोग अपने साल भर के खर्चे के बराबर कमा लेते हैं। - मंदिर के प्रमुख पुजारी महाराज *श्री गोपाल गिरी जी* का कहना है कि नवरात्रि के दौरान भी मंदिर में हिंदू-मुस्लिम का कोई फर्क नहीं दिखता है। कई बार पुजारी-सेवक मुस्लिम टोपी पहने दिखते हैं। तो वहीं मुस्लिम भाई देवी माता की पूजा के दौरान साथ खड़े मिलते हैं। इनमें से अधिकतर *बलूचिस्तान-सिंध* के होते हैं। - हर साल पड़ने वाले 2 नवरात्रों में यहाँ सबसे ज्यादा भीड़ होती है। करीब 10 से 25 हजार भक्त रोज़ माता के दर्शन करने हिंगलाज आते हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश और पाकिस्तान के आस-पास के देश प्रमुख हैं। - चूंकि, हिंगलाज मंदिर को मुस्लिम *'नानी बीबी की हज'* या *पीरगाह* के तौर पर मानते हैं, इसलिए पीरगाह पर अफगानिस्तान, इजिप्ट और ईरान जैसे देशों के लोग भी आते हैं। *शिवजी* की पत्नी *माता सती* का सिर कटकर गिरने से बना *'हिंगलाज'* हिन्दू धर्म, शास्त्रों और पुराणों के मुताबिक, सती के पिता राजा दक्ष अपनी बेटी का विवाह भगवान शंकर से होने से खुश नहीं थे। क्रोधित दक्ष ने बेटी का बहुत अपमान किया था। इससे दुखी सती ने खुद को हवनकुंड में जला डाला। इसे देखकर शंकर के गण ने राजा दक्ष का वध कर दिया था। घटना की खबर पाते ही शंकरजी दक्ष के घर पहुँचे। फिर सती के शव को कंधे पर उठाकर क्रोध में नृत्य करने लगे। शंकरजी को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने चक्र से सती के 51 टुकड़े कर दिए। ये टुकड़े जहाँ-जहाँ गिरे, उन 51 जगहों को ही देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। टुकड़ों में से सती के शरीर का पहला हिस्सा यानी सिर *'किर्थर पहाड़ी'* पर गिरा, जिसे आज *हिंगलाज* के नाम से जानते हैं। इसी पहले हिस्से यानी सिर के चलते *पाकिस्तान* के *हिंगलाज मंदिर* को धरती पर माता का पहला स्थान कहते हैं। 〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰