ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: इतिहास, महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका
धार्मिक यात्रा

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: इतिहास, महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका

जानिए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का धार्मिक महत्व, इतिहास, कथा और दर्शन का संपूर्ण मार्गदर्शन। नर्मदा नदी के तट पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग श्रद्धालुओं के लिए दिव्य ऊर्जा और आस्था का केंद्र है।

Team MyMandir
October 3, 2025
12 min read

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: इतिहास, महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका

भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है। इनमें से एक है ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, जो मध्यप्रदेश के खंडवा ज़िले में नर्मदा नदी के पावन तट पर स्थित है। यह स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।

ओंकारेश्वर का महत्व

  • यह ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के बीच स्थित मंदाता द्वीप पर स्थित है, जो ‘ॐ’ के आकार का है।
  • ‘ॐ’ का प्रतीक स्वयं सृष्टि का मूल ध्वनि माना जाता है, और यही यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा को और भी प्रबल बनाता है।
  • यहाँ दर्शन करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार, एक समय दानवों से त्रस्त होकर देवताओं ने भगवान शिव की उपासना की। उनकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर शिवजी ने ओंकारेश्वर रूप में प्रकट होकर दुष्टों का संहार किया। तभी से यह स्थान ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजित है।

एक अन्य कथा के अनुसार, नर्मदा जी की तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी यहाँ ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए।

ओंकारेश्वर मंदिर की विशेषताएँ

  • मंदिर की वास्तुकला प्राचीन और अद्भुत है, जिसमें हिंदू शिल्पकला की झलक मिलती है।
  • यहाँ नियमित रूप से महाशिवरात्रि, सावन, और नवरात्रि के अवसर पर विशेष उत्सव आयोजित होते हैं।
  • श्रद्धालु नर्मदा नदी में स्नान कर फिर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करते हैं।

दर्शन और पूजा विधि

सामान्य दर्शन

  • सुबह 5:00 बजे से मंदिर के कपाट खुल जाते हैं।
  • दिन भर श्रद्धालु जल, बेलपत्र, और फूल अर्पित करते हैं।

विशेष पूजा

  • अभिषेक पूजन: दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक।
  • रुद्राभिषेक: मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा, जो अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

कैसे पहुँचे?

  • रेल मार्ग: खंडवा रेलवे स्टेशन से लगभग 77 किमी दूर।
  • हवाई मार्ग: इंदौर एयरपोर्ट सबसे नज़दीक (लगभग 80 किमी)।
  • सड़क मार्ग: इंदौर और खंडवा से नियमित बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध।

ओंकारेश्वर यात्रा के लाभ

  • मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा की प्राप्ति।
  • परिवारिक सुख और समृद्धि का आशीर्वाद।
  • जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति।

यात्रियों के लिए सुझाव

  • सुबह जल्दी दर्शन करना सर्वोत्तम है।
  • सावन और महाशिवरात्रि में अत्यधिक भीड़ रहती है, अतः यात्रा की योजना पहले से बनाएं।
  • नर्मदा आरती का अनुभव अवश्य करें।

निष्कर्ष

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए आस्था और अध्यात्म का जीवंत केंद्र है। नर्मदा तट की अद्भुत शांति और शिवभक्ति का माहौल हर आगंतुक को आत्मिक संतोष प्रदान करता है।


"ओंकारेश्वर दर्शन मात्र से ही जीवन सफल हो जाता है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।"

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